विस्फोटक पदार्थ (Explosives)

विस्फोटक: विस्फोटक वे रासायनिक पदार्थ हैं जो उचित आवेग (suitable impulse) मिलने पर उच्च दाब, उच्च ताप, उच्च ध्वनि आदि उत्पन्न करते है।

विस्फोटक मुख्यत दो प्रकार के होते हैं-

  1. निम्न विस्फोटक – क्लोरेट एवं गन पाउडर आधारित
  2. उच्च विस्फोटक – टी0एन0टी, आर0डी0एक्स0, ए0एन0एफ0ओ0 (अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल आयल), डायनामाइट आदि।
  • निम्न विस्फोटक:
    • पोटेशियम नाइट्रेट +चारकोल + सल्फर
    • सोडियम नाइट्रेट +चारकोल + सल्फर
    • पोटेशियम क्लोरेट + सल्फर
    • पोटेशियम क्लोरेट + आरसेनिक सल्फाइड + सल्फर
    • पोटेशियम क्लोरेट + सल्फ्यूरिक अम्ल
  • उच्च विस्फोटक: दो प्रकार के होते हैं- प्राथमिक (Primary) एवं द्वितीयक (Secondary)
  • प्राथमिक (Primary):
  • मरकरी फल्मीनेट
    • लैड एज़ाइड
    • सिल्वर एज़ाइड
    • लैड स्टिफनेट
    • टेट्राज़ीन
  • द्वितीयक (Secondary)
    • आर0डी0एक्स0 (रिसर्च डिपार्टमेंट एक्सप्लोसिव या राॅयल डेमोलिशन एक्सप्लोसिव) रासायनिक नाम- Cyclotrimethylenetrinitramine
    • एच0एम0एक्स0 (हाई वेलोसिटी मिलिट्री एक्सप्लोसिव), रासायनिक नाम- Octogen
    • पी0ई0टी0एन0 (Pentaerythritol tetranitrate)
    • टेट्राइल (2,4,6-trinitrophenyl-N-methylnitramine)
    • नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerine)
    • पिकरिक अम्ल (Picric Acid)
    • टी0एन0टी0 (Trinintro toluene)
  • विस्फोटकों के मिश्रण (Combinations of Explosives)-
    • एमाटोल (Trinitro toluene + Ammonium Nitrate)
    • सी-1 (RDX + Plasticizer)
    • सी-2 (RDX+TNT+DNT+MNT+NitroCellulose+Dimethyl Formamide)
    • सी-3 (RDX+TNT+DNT+MNT+TETRYL+NitroCellulose)
    • सेमटेक्स (RDX+PETN+Poly Butadien E-Styrene+Dimethyl Formamide)
    • ए0एन0एफ0ओ0 (अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल आयल) – (Prillex: Ammonium nitrate + Diesel Fuel,  Lambrit: Ammonium Nitrate + Fuel Oil)
    • पी0ई0-3 एवं पी0ई0-4 (Highly Plasticized RDX)- RDX+Plasticizer (80%Paraffin + 20% Lithium Sterate)
  • जैल (Gel) के रूप में विस्फोटक:
    • सिग्माटेल टिटाजेल (Ammonium Nitrate + Sodium Nitrate + Calcium Nitrate)
    • इरेमाइट (Ammonium Nitrate + Sodium Nitrate + Aluminium + Calcium Nitrate + Starch)

विस्फोट प्रक्रिया को सक्रिय करने हेतु डेटोनेटरर्स-
उच्च विस्फोटक मुख्यतः डेटोनेटर की सहायता से उत्पन्न आवेगों द्वारा विस्फोटित होते हैं जो दो प्रकार के होते हैं-
1 इलेक्ट्रिकल डेटोनेटर
2 नाॅन इलेक्ट्रिकल डेटोनेटर
विस्फोटकों के प्रयोग-
विस्फोटकों का सेना, सिविल इंजीनियरिंग, खनन तथा प्रयोग
कृषि कार्यों में प्रयोग किया जाता रहा है।
बम (Bomb) के मुख्य अवयव-
विस्फोटक, डेटोनेटर, पावर स्रोत तथा स्विचेज
विस्फोट के पश्चात् पूछे जाने वाले मुख्य प्रश्न-
1 विस्फोटक का प्रकार
2 विस्फोटक की मात्रा
3 विस्फोटक के साथ प्रयुक्त युक्ति
विस्फोटक पदार्थो की तलाशी हेतु सामान्य दिशा निर्देश-

  1. अधिक भीड वाले क्लोज सर्किट कैमरा द्वारा निगरानी।
  2. मेलों आदि के दौरान साधारण कपडों में पुलिस कर्मियों की समुचित रूप से तैनाती।
  3. बम डिटेक्शन के लिए डाॅग स्क्वाएड का समुचित उपयोग।
  4. संदिग्ध वस्तुओं से सुरक्षा हेतु पब्लिक में विज्ञापनों के द्वारा जागरूकता।
  5. महत्वपूर्ण स्थानों जैसे – रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, घाटों, सिनमाघरों, शाॅपिंग काॅम्पलेक्सों व अन्य स्थानों की समय-समय पर चैकिंग।

विस्फोट होने वाले घटनास्थल पर आवश्यक सावधानियाँ-

  1. घटनास्थल वह स्थान होता है जिस पर घटना से जुडे साक्ष्य मिलने की प्रबल संभावना रहती है अतः घटनास्थल की जाँच में किसी प्रकार की लापरवाही अवशेष साक्ष्यों के साथ खिलवाड है।
  2. घटनास्थल पर पहुँचते ही विस्फोट वाले स्थान एवं प्रभावित स्थान को पुलिस सुरक्षा पट्टी से घेराव करना आवश्यक है जिससे साक्ष्यों को सुरक्षित किया जा सके और अनाधिकृत प्रवेश न हो सके।
  3. घटनास्थल के विस्फोट वाले स्थल पर जाने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि उस स्थान पर अविस्फोटित पदार्थ/युक्ति तो नही है यदि है तो उसे विशेषज्ञ द्वारा निष्क्रिय कराने से पूर्व उस स्थान पर कदापि न जायें। यह भी संज्ञान में लाना उचित होगा कि घटनास्थल पर उपस्थित किसी भी प्रकार का उपकरण बाॅम्ब की युक्ति हो सकता है अतः इस प्रकार की किसी भी वस्तु को साधारण न लिया जाये।
  4. विस्फोट स्थल पर कई बार अपराधी भी दर्शक/भीड के रूप में हो सकता है। इस दशा में घटनास्थल पर उपस्थित सभी व्यक्तियों की गतिविधियों पर भी नजर रखना आवश्यक होता है। इसके लिए वीडियोग्राॅफी अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
  5. घटनास्थल की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राॅफी घटनास्थल पर पहुँचते ही प्रारम्भ करा देनी चाहिये।
  6. घटनास्थल, भौतिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है इसलिए यह सुनिश्चित कर लें कि किसी भी अन्यथा व्यक्ति को घटनास्थल में प्रवेश न करने दें और घटनास्थल का गहन परीक्षण करें।
  7. घटनास्थल पर मिलने वाला हर सूक्ष्म साक्ष्य भी घटना के अनावरण में महत्वपूर्ण हो सकता है इसलिए प्रत्येक साक्ष्य को विधिवत संकलित किया जाना आवश्यक है।
  8. घटनास्थल पर फिंगर प्रिंट्स की तलाश की जानी भी आवश्यक है।
  9. विस्फोटक के नमूने तथा घटनास्थल पर मिले जैविक साक्ष्यों का संकलन अति आवश्यक है।
  10. आत्मघाती मामलों में जैविक साक्ष्य अत्यन्त महत्वपूर्ण होते हैं जिनमें डी0एन0ए0 परीक्षण की अहम भूमिका होती है। डी0एन0ए0 परीक्षण हेतु घटनास्थल से जैविक नमूनों का लिया जाना अति महत्वपूर्ण होता है।

घटनास्थल पर विस्फोटक युक्ति मिलने की दशा में क्या करें/क्या न करें-

  1. किसी पैकेट/डिवाइस को बिना पूर्व प्रक्रिया/आदेश के न छूऐं और न ही खोलें।
  2. पैकेट/डिवाइस को हाथ से न खोलें और न ही उसमें छेद आदि करें।
  3. पैकेट/डिवाइस को पानी में न डुबाऐं।
  4. पैकेट/डिवाइस की तार को न खींचे और न ही काटें।
  5. पैकेट/डिवाइस के ऊपर या पास मैटेलिक वस्तु अथवा चुम्बकीय वस्तु न लाऐं।
  6. पैकेट/डिवाइस के पास मोबाइल अथवा अन्य रेडियो डेवाइस को न ले जायें।
  7. संदिग्ध पैकेट को किसी संकरे स्थान से न ले जायें।
  8. इस प्रकार की युक्ति के ऊपर सीधी फ्लैश लाइट न डालें अर्थात फोटोग्राफी के समय फ्लैश प्रयोग करते समय दूर से फोटोग्राफी करें। पास से फोटोग्राफी में फ्लैश का प्रयोग न करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *